
आबकारी विभाग के नए नियमों के बाद भी नहीं रुक रही ओवर रेटिंग,जिम्मेदार मौन
नोएड़ा/गाजियाबाद:-1 अप्रैल 2025 से आबकारी विभाग ने नई शराब की बिक्री को अनिवार्य कर दिया है, पुरानी शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, और ओवर रेटिंग और मिलावट पर “जीरो टॉलरेंस” नीति लागू की है।
इसके बावजूद भी नोएड़ा गाजियाबाद में ओवर रेटिंग की समस्या बनी हुई है, जिससे लोगों को अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।
जानकारी के अनुसार आबकारी नए सत्र की शुरुआत एक अप्रैल से हो गई है ।नए सत्र में काफी कुछ बदलाव आबकारी नियमों में देखने को मिला है लेकिन इतना सब बदलाव होने के बाबजूद भी आबकारी विभाग ने ओवर रेट पर अंकुश नहीं लगा पाया है ।ओवर रेट का नियम वही पुराना चल रहा है ।नए सत्र में कुछ शराब की कीमतें भी बढ़ी है ।काफी शराब की दुकानों पर सेल्समैन पुराने लगे हुए हैं इन सेल्समैन को सब कुछ पता है किस प्रकार ओवर रेट शराब बेचनी है और उन्होंने 01 अप्रैल से ही ओवर रेट शराब बेचने की शुरुआत कर दी है ।आबकारी सत्र के पहले दिन से ही सेल्समेनों ने ग्राहक की जेब पर डाका डालना शुरू कर दिया है और प्रिंट रेट से 10 या 20 रुपए अधिक लेकर शराब बेचना शुरू कर दी है ।
नोएड़ा गाजियाबाद की अधिकांश दुकानों पर पहले दिन से ही ओवर रेट शराब बेचने के मामले देखने को मिले हैं कई जगह ग्राहकों में झगड़ा होता हुआ भी दिखाई दिया ।लेकिन सवाल यह उठता है कि काफी नियमों में बदलाव होने के बाबजूद भी ओवर रेट पर अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा है ,इससे यह सिद्ध होता है कि जिम्मेदारों की पूरी तरह से मिलीभगत है।
नोएड़ा गाजियाबाद में आबकारी जिम्मेदार मौन,सेल्समेनों पर कार्यवाही करेगा कौन
01 अप्रैल से शुरू हुए आबकारी सत्र में हुए नियमों में परिवर्तन के बाबजूद भी ओवर रेट पर रोक लगाने के लिए कोई नियम नहीं बना है ।पहले दिन से ही सेल्समेनों ने ग्राहकों की जेब काटना शुरू कर दी है ।नोएड़ा गाजियाबाद में अधिकांश दुकानों पर तैनात पुराने सेल्समैन जिम्मेदारों की मिलीभगत के कारण खुलेआम ओवर रेट शराब बेच रहे हैं ।जिम्मेदार इन सेल्समेनों पर कार्यवाही करने में असमर्थ है क्योंकि अधिकांश सेल्समेनों का कहना है कि हमारे द्वारा आबकारी विभाग में तैनात कुछ लोगों पर महीनेदारी जाती है ।तो यहां एक कहावत सटीक बैठती है कि सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का इसी कारण सेल्समैन ग्राहकों को दिन रात लूटने में लगे हुए हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी कि कब तक आबकारी विभाग के जिम्मेदारों की आंखें खुलती है और कब इन सेल्समेनों पर कार्यवाही होती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।