
अयोध्या।देश और विदेश में रामलला के भक्त हैं।अयोध्या में रामलला का जन्म स्थान होने से भक्तों की गहरी आस्था है, जिससे रामनगरी में भारी भीड़ रहती है।भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से लाखों की संख्या में भक्त रामलला का दर्शन करने आते हैं,जिससे यहां की सड़कों पर भीड़़ का काफी बोझ बढ़ गया है।इसके लिए योगी सरकार लगातार विकास के काम कर रही है।इसी कड़ी में अब अयोध्या-गोंडा हाईवे को सिक्स लेन करने की तैयारी हो रही है।
अयोध्या-गोंडा हाईवे के बनने के बाद लोगों को जाम और भीड़ से छुटकारा मिलेगा।भक्तों को रामलला का दर्शन करना और ज्यादा आसान हो जाएगा।केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा महाराष्ट्र की लायन कंपनी को हाईवे के निर्माणकार्य के सर्वे का काम सौंपा गया है,सर्वे पूरा होते ही हाईवे को ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तौर पर पूरा किया जाएगा।अयोध्या की सड़कों पर गाड़ियों की संख्या भी खूब बढ़ी है,जिससे श्रद्धालुओं के साथ लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह ने गोंडा-अयोध्या हाईवे के चौड़ीकरण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नतिन गडकरी को पत्र लिखा था,जिसके बाद सड़क के चौड़ीकरण का काम तेज हो गया।
अयोध्या के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ईकाई के एक्सईएन एसके मिश्रा ने बताया कि गोंडा और अयोध्या के बीच के राष्ट्रीय राजमार्ग को सिक्स लेन में बदलने की योजना पर काम शुरू हो गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर नागपुर की लायन कंपनी इस परियोजना के लिए सर्वेक्षण कर रही है,जिसकी रिपोर्ट एक सप्ताह में आ जाएगी।
बता दें कि अयोध्या-गोंडा हाईवे ब्राउनफील्ड नहीं बल्कि ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तौर पर बनेगा।हाईवे पूरी तरह से नई जगह से हो कर गुजरेगा। हरियाली को ध्यान में रखते हुए हाईवे के किनारे पेड़ लगाए जायेंगे,हाईवे खेतों और खाली जमीनों से होकर गुजरेगा,जिससे बस्तियों,घरों और बाजारों में तोड़फोड़ न करनी पड़े,इससे लोगों को भी परेशानी नहीं होगी और सरकार को जमीन अधिग्रहण में कम दिक्कत आएगी।पहले इस हाईवे को पार्वती अरगा वन्य जीव अभ्यारण से निकाला जा रहा था,यह अभ्यारण गोंडा जिले के वजीरगंज के पास है,इस वन्य जीव अभ्यारण को यूएनओ द्वारा रामसर साइट घोषित किया गया है,जिस कारण हाईवे को यहां से निकालने की अनुमति नही मिली।अब इसका रास्ता ऐसा तय किया जाएगा कि पार्वती अरगा पक्षी विहार के पर्यावरणीय क्षेत्रों को नुकसान न हो।हाईवे पक्षी विहार से सुरक्षित दूरी पर बनाया जाएगा ताकि पक्षियों की जिंदगी पर असर न पड़े।